गिरने के डर से चलना नहीं छोड़ते ,
एक मुश्किल आने पे मुख नहीं मोड़ते | |
अपनी मुश्किलों से ज़्यादा ताक़त को पहचानो | |
न वक़्त फिर आता है और न मुक़ाम |
गलतियां होंगी आखिर तुम भी हो इन्सान | |
मौसम रंगीन , यारी अतरंगी , क्या हसींन नज़ारा है |
दुनिया भुला दो उस लक्ष्य को पाने में जो तुम्हे प्यारा है | |
फिर आएँ ये दिन या न आएँ , आज आज़मा लो तुम खुद को |
और इस आज़माईश में पा लो तुम उसको | |
जब जियोगे ज़िन्दगी का एक - एक मंज़र |
तभी मेरे दोस्त कहलाओगे तुम ज़िन्दगी के सिकंदर | |

Girte hain shah-sawaar hi maidaan-e-jung mein,
ReplyDeleteWo tifl kya gire jo ghutno pe chala karte hain.
Bahut Khoob. Shukriya
DeleteWow
ReplyDelete👏👏
ReplyDelete;-)
DeleteWow
ReplyDeleteThank You!
DeleteGreat👌👍
ReplyDeleteThanks!
DeleteVery nic Mr jai
ReplyDeleteThank You!
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